उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ में एसडीएम सत्यप्रकाश ने मंगलवार की तड़के लगभग 4 बजे पक्का बाग में छापा मारा । छापा मारने के दौरान एक ट्रक भरा चावल मिला जिसमे लगभग 220 कुन्तल चावल मिला । पकड़े गए ट्रक के शीशे पर एफ सी आई का पी डी एस चावल होने का पोस्टर भी लगा था । इस चक्कर मे दिनभर जाँच के बाद मंडी समिति की ओर से 1.33 लाख रूपये का जुर्माना लगाया और फर्म का लाइसेन्स को भी निरस्त कर दिया गया । यही नही लाकडाउन का उल्लंघन करने और धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में मुकदमे भी दर्ज हुए हैं।
एसडीएम हापुड़ सत्यप्रकाश।
एसडीएम सत्यप्रकाश व जिलापूर्ति अधिकारी हापुड़ राजेश कुमार आपस मे मंत्रणा करते हुवे।
मौके से बरामद चावल से लदा ट्रक।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रात्री को किसी व्यक्ति ने एस डी एम हापुड़ सत्यप्रकाश को फोन कर सूचना दी कि पक्का बाग में एक गोदाम से राशन का चावल एक ट्रक में भरकर कही बेचने के लिए भेजा जा रहा हैं । सूचना मिलते ही हापुड़ एस डी एम आनन फानन में भारी पुलिस बल के साथ रामगोपाल ज्ञानेंद्र की फर्म के पक्का बाग गोदाम पर छापा मारा । मोके पर चावल मालिक चावल से संबंधित कागज नहीं दिखा सका जिसके बाद ट्रक को कब्जे में लेकर ट्रक को मंडी ले जाकर जाँच की गई। एस डी एम ने इस मामले की सूचना आलाधिकारियों को दी । जिसके बाद आपूर्ति विभाग से डी एस ओ राजेश कुमार , खाद्य निरीक्षक प्रीति उपाध्याय , सी ओ राजेश कुमार और मंडी समिति के अधिकारी वहां पहुँच गए थे । जब हमारे मैसेज ऑफ़ मीडिया के जिला प्रभारी चन्दन सिंह ने एस डी एम हापुड़ सत्यप्रकाश से इस सम्बंध में वार्ता की तो उन्होंने बताया कि ट्रक के शीशे पर एक बड़ा पोस्टर लगा था जिस पर आन इमर्जेंसी गवर्नमेंट डियूटी , फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया , राईस/ व्हीट फॉर पी डी एस सप्लाई बड़े बड़े अक्षरों में लिखा था । अधिकारियों ने बताया कि जाँच में पता चला कि मैसर्स राम गोपाल के मालिक ने यह चावल पक्का बाग हापुड़ की ही एक फर्म मूलचंद दीपक कुमार से खरीदा जाना बताया गया हैं। उक़्त फर्म ने एक नवंबर 2019 में यह चावल बेचने ओर चेक से भुगतान प्राप्त की बात स्वीकार की । उक्त फर्म का दावा है कि यह चावल पीलीभीत से मंगाया गया था । अब इसकी जाँच की जा रही हैं । हालांकि कोतवाली निरीक्षक ने इस मामले में लॉक डाउन का उल्लंघन , धोखाधड़ी आदि धाराओं में चावल और आवास विकास मेरठ रोड हापुड़ निवासी ट्रक नंबर UP15-BT-5146 के मालिक के ख़िलाफ़ 420 व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया हैं। जिसमें ट्रक का बीमा भी समाप्त था , फिटनेस भी समाप्त था , ट्रक की रोड पर चलने की अवधि भी समाप्त थी । लेकिन उस ट्रक को छोड़ दिया गया उसी दिन सूत्रों के अनुसार । उधर मंडी समिति के अधिकारियों ने फर्म पर 1.33 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया था । और अनियमितताओ के कारण फर्म का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया था । जिला पूर्ति अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि चावल राशन का तो नही हैं , इसकी जांच एफ सी आई के क्वालिटी कंट्रोल विभाग से कराई गयी जिसमे यह चावल राशन का नही माना गया ।
मैसेज ऑफ़ मीडिया के कुछ सवाल ट्रक संख्या UP15-BT-5146 पर लॉक डाउन में चलने वाला सरकारी लॉक डाउन पास कहां से आया? 2. जब ट्रक के कागजात पूरे नही तो R T O ने ट्रक को सीज कियो नही किया ? 3. मूलचंद दीपक कुमार ने एक नवंबर को इस चावल का गेट पास शुल्क / मंडी शुल्क जमा किया था? 4. ऐसे कितने और ट्रक रोड पर चल रहे हैं? 5. ट्रक में एफ सी आई व राशन का चावल व गेंहू लाने ले जाने के लिये संबंधित विभाग किन किन कागजो को मांगता है? 6. आखिर मंडी समितियों के आलाधिकारियों को ऐसी गतिविधियों पर नजऱ क्यों नही पड़ती?